| 1. | विज्ञापनों के प्रति संसार की बेहद मार्मिक कहानी।
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| 2. | प्रति संसार की रचना: महेश चंद्र पुनेठा
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| 3. | और एक प्रति संसार बाज़ार ने भी रच दिया है।
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| 4. | एक ऐसे प्रति संसार की रचना करती है जो उसे पसंद है।
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| 5. | एक ऐसे प्रति संसार की रचना करती है जो उसे पसंद है।
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| 6. | प्रेम अपना अलग संसार बनाता है, यह प्रति संसार होता है.
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| 7. | कविता पोस्टर, कुँवर रविन्द्र, महेश चंद्र पुनेठा प्रति संसार की रचना: महेश चंद्र पुनेठा
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| 8. | इंटरनेट पर एक प्रति संसार पैदा हो रहा है जिसमें सभी जानकारियां एक साथ उपलब्ध हैं।
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| 9. | -भाषा एक आवरण बन गई, संसार के भीतर एक प्रति संसार को जन्म देती हुई ।
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| 10. | युवा कथाकार मनोज रूपडा का उपन्यास प्रति संसार उपन्यास के प्रचलित फार्म को साग्रह और सोद्देश्य अतिक्रमित करता है।
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